Alok Sethi

परिचय

आलोक सेठी


      मध्यप्रदेश में एक कस्बा है, खंडवा... कलाकारों और कलमकारों के इसी नायाब शहर में 24 सितंबर, 1965 को को जन्मे आलोक सेठी ने कॉमर्स पोस्ट ग्रेज्युएशन करने के बाद एक छोटी सी किराए की दुकान से टायर व्यवसाय के सहारे दो जून की रोटी तलाशना शुरु किया। शालीन जीवन संगिनी के रुप में शालिनी को पाया। दो बेटे हैं...पल्लव नरसी मोंजी कॉलेज, मुंबई और लंदन स्कूल ऑफइकोनोमिक्स से एम.बी.ए. कर वर्तमान में गैरेज इक्यूपमेंट्स का डिस्ट्रीब्यूशन कर रहे हैं। छोटा बेटा पर्व अपनी अर्किटेक्ट की पढ़ाई को पूर्ण कर स्वयं के कमर्शियल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्सन कर रहा है।

     जो उपलब्धियाँ आलोक के खाते में है उनमें से कुछ हैं- भारत का पहला आई.एस.ओ. प्रमाणित टायर प्रतिष्ठान...सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा टायर व्यवसाय....मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के अनेक शहरों में इसकी शाखाएँ एवं डिस्ट्रीब्यूशन डिपो... इन्फ्रास्ट्रक्चर व्यवसाय में कुछ कालोनियाँ... होंडा टू-व्हीलर की खंडवा जिले की डीलरशीप, दस से अधिक किताबें, अनेक शहरों में व्याख्यान, कुशल मंच संचालन, लगभग सहाठ देशों की यात्राएँ... समाज सेवा के क्षेत्र में सेठी संस्थान ट्रस्ट के तहत आईसीयू ऑन व्हील,वेंटिलेटर सहित सर्वसुविधा युक्त एम्बुलेंस, मेडिकल शिविर, चश्मों का वितरण, हेलमेटएवं रोड सेफ्टी के लगातार काम... पर इन सबसे बढ़कर ढेर सारे यार दोस्त और आप जैसे अनगिनत चाहने वालों की बेइन्तहा, बेपनाह मोहब्बत... एक और अलग हटकर काम ये करते हैं... प्रत्येक रविवार जीवन को हौसला और राह देने वाला एक एस.एम.एस. वे मोबाईल, व्हाट्सएप, और फेसबुक के जरिए अपने चाहने वालो को भेजते हैं। देश के एक लाख से अधिक मोबाईल पर यह अनमोल संदेश जाता है।

      बकौल शायर डॉ. राहत इंदौरी - आलोक भाई लफ्जों के सहारे दुनिया में खुशियाँ बाँटने वाला एक बेहद प्यारा इंसान है... आलोक के संबंधों का कारोबार उसके खुद के कारोबार से कई गुना बड़ा है।

आलोक का साहित्यिक सफ़र-


      पुस्तकें - तुरपाई उधड़ते रिश्तों की, ईर्द-गिर्द, छोटी-छोटी बातें, माँ तुझे सलाम, छोटा मुँह बड़ी बात, अंतरमन की कविताएँ, दुनिया रंग बिरंगी, बौने कद के ऊँचे लोग, संडे का फंडा, सच में हैं भगवान पिता ,ऑडियो बुक- ईर्द-गिर्द.